Ab Kuch Nahin Bacha – ye khat ek ladke ke dil ke jazbat hain jo apni gf se babut pyar karta hai hain. aur is khat ke jariye apne jazabat bayan kar raha hai ki wo usse kitna pyar karta hai…
मैंने अरमान सजाएं हैं बहुत…
मुझे सपनों से जंग करनी है….
हां मुझे तुम्हारे लिए अपने सपनों को हक़ीकत में बदलने के लिए जंग करनी है । किसी भी हाल में उन्हें पूरा करना है । जब पापा हमें छोड़ कर अचानक से दूसरी दुनिया में चले गये थे तो मैं जैसे पागल सा हो गया था । तुम्हें तो पता है ना कि मेरा और उनका प्यार दोस्तों जैसा था । मैंने पापा के साथ अपना बेस्ट फ्रेंड भी खो दिया था । उन दिनों मैं बहुत चिड़तिड़ा सा हो गया था । बात बात पर गुस्सा करता चिल्ला देता । सब दोस्त मेरे मुझ से दूरियां बना गये थे ।
हमारा रिश्ता भी उन दिनों नया नया था । तुम पर भी कई बार चिल्लाया मैं … तुम चाहती तो जा सकती थी मगर तुम नहीं गयी । तुमने मेरी बातें सुनी मेरा गुस्सा सहा मगर मुझे संभाले रखा । प्यार तो तुमसे पहले ही था मगर उन दिनों तुम्हारे लिए मन में इज़्जत बढ़ने लगी थी । मैंने तब खुद से वादा किया था कि तुम्हारे इस साथ को कभी छूटने नहीं दूंगा । मैं मेहनत करूंगा, काबिल बनूंगा और तुमसे ही शादी करूंगा । मैं तुम्हारा ख़याल ऐसे रखूंगा जैसे बच्चों का रखा जाता है ।
ये जो तुम मेरे हाथ को अपने सीने से चिपकाकर उसी में दुबुक जाती हो और नम आँखों से हमको एक टक़ देखती हो न! इसी में तो साला ज़िंदगी का मतलब समझ आ जाता है! पहले किसी चीज़ को चाहो और फिर मिल जाने पर उसकी बेकदरी शुरू कर दो! पर ये जो मेरे हाथों का तुम्हारे सीने में लगकर उँगलियों पर तुम्हारे टपकते हुए आँसू का आना होता है दरसल यही वैल्यू बताते हैं! वैल्यू मेरे होने की! वैल्यू हमारे साथ की!
तुम इतनी मासूम हो कि तुम्हें गुस्से होता देख भी प्यार आने लगता है । जब लास्ट टाइम तुम बिमार हुई थी तो मैं एकदम से डर गया था । दुआ करता था कि तुम्हारी बिमारी खुद पर ओढ़ लूं बस तुम ठीक हो जाओ । मां के बाद कोई अगर मुझे समझता है तो वो तुम हो । तुम्हारे बिना तो जैसे बिना रूह का शरीर लिए जीने जैसा है । मैंने वो सारे सपने सहेज कर रखे हैं जिनका ज़िक्र तुम कर के भूल गयी । मुझे वो सब पूरे करने हैं । मैं चाहता हूं ज़िंदगी के आखिरी पड़ाव पर जब हम दोनों ज़िंदगी के बचे खुचे दिन गिन रहे हों और मैं तुम्हारी बूढ़ी आंखों में देख कर पूछूं कि “कुछ रह तो नहीं गया ?” तब तुम बिना दांत के मुस्कुराती हुई कहो की “जितना सोचा था उससे भीं कहीं ज़्यादा पूरा हो गया । अब कुछ नहीं बचा ।”
ये सुनना मेरे लिए ऐसा होगा जैसे ज़िंदगी के लक्ष्य को पा लेना। तुम्हारी ज़िंदगी मुझे अपनी सांसों से भी ज़्यादा अजीज़ है। याद रखना तुम मेरी हो और उम्र भर मेरी ही रहोगी । ये डर दिल से निकाल दो कि तुम्हें मुझसे कोई छीन ले जाएगा। बनाने वाले ने जब तुम्हें बनाया तो तुम्हारी रूह पर मेरे नाम की मुहर लगा दी थी तो भला तुम किसी और की कैसे हे सकती हो । तुम तो बस सपने देखो और मुझ पर उनको पूरा करने की ज़िम्मेदारी छोड़ दो ।
सिर्फ तुम्हारा…!